Monday, October 12, 2009

आज की सुबह का खूबसूरत एहसास

आज की सुबह का एहसास बहुत ख़ूबसूरत हुआ
जब ठंडी हवा ने मेरे चहरे को छुआ|
आज तो जुल्फों ने जैसे उड़ने की खाली थी कसम
कुछ पल तो ऐसा लगा ,जैसे इनकी इस शरारत से
कंही निकल न जाए मेरा दम |
चिडियों की चेहचाहट ने मेरे कानो में
मिश्री सी घोल दी जैसे .
किसी ने आज अपने दिल की बात बोल दी |
घांस पर पड़ी ऑस की बूंदों ने जब मेरे पैरों को छुआ
तो मेरा मन एक प्यारा सा गीत गुनगुनाने को हुआ |
फूलों की महक ने मुझे,
इस तरह मंत्र मुग्ध कर दिया |
यूँ लगा की जैसे किसी ने
मेरी ज़िन्दगी को,खुशियों से भर दिया |
वो ठंडी हवा,वो जुल्फों की अटखेलियाँ ,चिडयों चहक
फूलों की महक ,ऑस की बूंदे |
इन् सब ने बनाया मेरे दिन को ख़ास
इसलिए आज की सुबह का
मैं कभी नही भूल पाऊँगी ये ख़ूबसूरत एहसास |


SHRADDHA

3 comments:

  1. The moment I read it
    I could visualize you :)

    Ek sundar si ladki apne ghar ki balcony par baithi thi
    shayada kisi? ko nazaro mein qaid karne ko ya khud kisi ki nazro mein qaid hone ko

    Hawa bhi jaise uski saheli ban gayi ho aur uske roop ko aur badha kar uske premi k saamne prastut kar rahi ho,
    Shayad saamne ki balcony wala bhi kabhi nahi bhool payega yeh khoobsurat sa ahsaas :)


    A real treat for the eyes

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  2. U MEAN TO SAY EXCHANGING THE GLANCES

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  3. hey was suppose to give comment but someone else already gave

    its ok

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